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Trijuti Rudraksha (त्रिजुति रुद्राक्ष)
त्रिजुति रुद्राक्ष (Trijuti Rudraksha) तीन रुद्राक्षों का एकत्रित रूप होता है, जो एक ही धागे में जुड़कर या एक साथ बढ़ते हैं। इसे भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। त्रिजुति रुद्राक्ष को समृद्धि, शक्ति, और संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
Natural Trijuti Rudraksha
Trijuti called Brahma, Vishnu, and Maheshwara, is a rare and powerful Rudraksha. Nature displays its creative power in this form, as three separate beads form into one naturally in the tree. Wearing this Rudraksha is said to bring with it great success and universal appeal.
Shape:- Nut Shape
Size:- 39.50 MM (Apx.)
Weight:- 5.78 gm (Apx)
Origin:- Nepali
Certification:- Lab Testing Report Certificate will come along with Gauri Path Rudraksha By GII Gemologist.
त्रिजुति रुद्राक्ष के लाभ:(Benefits of Trijuti Rudraksha)
संबंधों में सामंजस्य: त्रिजुति रुद्राक्ष का उपयोग पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने के लिए किया जाता है।
शक्ति और साहस: इसे धारण करने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है।
आध्यात्मिक उन्नति: यह रुद्राक्ष साधक को ध्यान में गहराई और मानसिक संतुलन प्रदान करता है।
दुखों का निवारण: त्रिजुति रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के जीवन से दुख, तनाव और चिंता दूर होती है।
धन और समृद्धि: इसे पहनने से आर्थिक स्थिरता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
त्रिजुति रुद्राक्ष की पूजा और धारण विधि:
शुद्धि: त्रिजुति रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे गंगाजल या दूध से शुद्ध करें।
पूजा: इसे धारण करने से पहले भगवान शिव, माता पार्वती, और गणेश जी की पूजा करें।
मंत्र जाप: इसे धारण करते समय "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ त्रिजुति रुद्राक्षाय नमः" का जाप करें।
धारण का समय: इसे सोमवार को सूर्योदय के समय धारण करना शुभ माना जाता है। इसे सोने, चांदी, या लाल धागे में पिरोकर गले में पहनें।
ध्यान रखने योग्य बातें:
नियमित सफाई: त्रिजुति रुद्राक्ष को नियमित रूप से साफ रखें और इसकी पूजा करें।
सकारात्मकता का ध्यान रखें: इसे पहनते समय नकारात्मक विचारों और गतिविधियों से दूर रहना चाहिए।
निष्कर्ष:
त्रिजुति रुद्राक्ष एक शक्तिशाली साधना उपकरण है, जो व्यक्ति को शक्ति, सामंजस्य, और आध्यात्मिक विकास प्रदान करता है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं, जिससे वह मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करता है।
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त्रिजुति रुद्राक्ष (Trijuti Rudraksha) तीन रुद्राक्षों का एकत्रित रूप होता है, जो एक ही धागे में जुड़कर या एक साथ बढ़ते हैं। इसे भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। त्रिजुति रुद्राक्ष को समृद्धि, शक्ति, और संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
Natural Trijuti Rudraksha
Trijuti called Brahma, Vishnu, and Maheshwara, is a rare and powerful Rudraksha. Nature displays its creative power in this form, as three separate beads form into one naturally in the tree. Wearing this Rudraksha is said to bring with it great success and universal appeal.
Shape:- Nut Shape
Size:- 39.50 MM (Apx.)
Weight:- 5.78 gm (Apx)
Origin:- Nepali
Certification:- Lab Testing Report Certificate will come along with Gauri Path Rudraksha By GII Gemologist.
त्रिजुति रुद्राक्ष के लाभ:(Benefits of Trijuti Rudraksha)
संबंधों में सामंजस्य: त्रिजुति रुद्राक्ष का उपयोग पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने के लिए किया जाता है।
शक्ति और साहस: इसे धारण करने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है।
आध्यात्मिक उन्नति: यह रुद्राक्ष साधक को ध्यान में गहराई और मानसिक संतुलन प्रदान करता है।
दुखों का निवारण: त्रिजुति रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के जीवन से दुख, तनाव और चिंता दूर होती है।
धन और समृद्धि: इसे पहनने से आर्थिक स्थिरता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
त्रिजुति रुद्राक्ष की पूजा और धारण विधि:
शुद्धि: त्रिजुति रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे गंगाजल या दूध से शुद्ध करें।
पूजा: इसे धारण करने से पहले भगवान शिव, माता पार्वती, और गणेश जी की पूजा करें।
मंत्र जाप: इसे धारण करते समय "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ त्रिजुति रुद्राक्षाय नमः" का जाप करें।
धारण का समय: इसे सोमवार को सूर्योदय के समय धारण करना शुभ माना जाता है। इसे सोने, चांदी, या लाल धागे में पिरोकर गले में पहनें।
ध्यान रखने योग्य बातें:
नियमित सफाई: त्रिजुति रुद्राक्ष को नियमित रूप से साफ रखें और इसकी पूजा करें।
सकारात्मकता का ध्यान रखें: इसे पहनते समय नकारात्मक विचारों और गतिविधियों से दूर रहना चाहिए।
निष्कर्ष:
त्रिजुति रुद्राक्ष एक शक्तिशाली साधना उपकरण है, जो व्यक्ति को शक्ति, सामंजस्य, और आध्यात्मिक विकास प्रदान करता है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं, जिससे वह मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करता है।