15 MUKHI RUDRAKSHA (15 मुखी रुद्राक्ष)

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15 MUKHI RUDRAKSHA (15 मुखी रुद्राक्ष)

15 MUKHI RUDRAKSHA (15 मुखी रुद्राक्ष) अत्यधिक दुर्लभ और शक्तिशाली रुद्राक्षों में से एक माना जाता है। इसे भगवान पशुपतिनाथ (भगवान शिव के एक रूप) का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से हृदय चक्र (अनाहत चक्र) पर प्रभाव डालता है और व्यक्ति के जीवन में प्रेम, करुणा, और दिव्य जागरण की शक्ति लाता है। 15 मुखी रुद्राक्ष न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए बल्कि भौतिक जीवन में भी बहुत लाभकारी है।

Natural 15-Face Rudraksha

Shape:- Oval / Nut Shape

Size:- 30.00 MM (Apx.) 

Weight:- 5.00 Gms (Apx.)

Origin:- Nepali

Metal Material:- Pure Silver

Certification:- The Lab Testing Report Certificate will come along with 15 mukhi rudraksha.

15 मुखी रुद्राक्ष के लाभ (15 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi)

  1. संबंधों में सुधार: 15 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से रिश्तों में सामंजस्य और प्रेम में वृद्धि होती है। यह व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों में संबंधों को मजबूत बनाता है।

  2. भावनात्मक स्थिरता: इसे धारण करने से व्यक्ति की भावनात्मक स्थिरता और मानसिक शांति बढ़ती है। यह भावनाओं को संतुलित करता है और व्यक्ति को तनाव, चिंता और अवसाद से मुक्त रखता है।

  3. प्रेम और करुणा: 15 मुखी रुद्राक्ष प्रेम, करुणा और दया की भावना को बढ़ाता है। यह हृदय चक्र को सक्रिय करता है, जिससे व्यक्ति के भीतर दूसरों के प्रति दया और संवेदनशीलता बढ़ती है।

  4. अंतर्दृष्टि और निर्णय क्षमता: यह रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के भीतर अंतर्दृष्टि और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। यह व्यावसायिक सफलता और जीवन में सही निर्णय लेने में सहायक होता है।

  5. आध्यात्मिक उन्नति: यह रुद्राक्ष व्यक्ति के आध्यात्मिक जीवन में उन्नति लाता है। यह ध्यान और साधना में गहराई लाता है और आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।

  6. नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा: 15 मुखी रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव करता है। इसे धारण करने से व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बन जाता है, जो उसे बुराई और दुर्भाग्य से दूर रखता है।

15 मुखी रुद्राक्ष की पूजा और धारण विधि:

  1. पूजन और शुद्धि: 15 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले गंगाजल या दूध से शुद्ध करें और भगवान शिव की पूजा करें।

  2. मंत्र जाप: धारण करते समय "ॐ नमः शिवाय" मंत्र या "ॐ ह्रीं ह्रौं नमः" मंत्र का जाप करें।

  3. धारण का समय: सोमवार को सूर्योदय के समय या शुभ मुहूर्त में इसे धारण करना उचित होता है। इसे सोने, चांदी, या लाल धागे में पिरोकर गले में धारण करें।

सावधानियां:

  • रुद्राक्ष को शुद्ध और पवित्र रखें। इसे गंदे हाथों से न छुएं।
  • धारण करने के बाद मांस, मदिरा और तामसिक वस्तुओं से परहेज करें।
  • नियमित रूप से इसकी पूजा और सफाई करें ताकि इसके सकारात्मक प्रभाव बने रहें।

15 मुखी रुद्राक्ष हमसे क्‍यों लें

Rudracharms द्वारा भेजा गया चौदह मुखी रुद्राक्ष प्रमाणित है और अनुभवी आचार्य एवं पंडित जी द्वारा अभिमंत्रित करने के बाद ही इसे आपके पास भेजा जाएगा ताकि आपको इसका तुरंत और संपूर्ण लाभ मिल सके।