6 MUKHI RUDRAKSH (6 मुखी रुद्राक्ष)

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6 MUKHI RUDRAKSH (6 मुखी रुद्राक्ष)

6 MUKHI RUDRAKSH (6 मुखी रुद्राक्ष) कार्तिकेय (भगवान शिव के पुत्र) का प्रतीक माना जाता है। इसे पहनने से व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास और स्थिरता प्राप्त होती है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाता है, और उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो मानसिक संतुलन, अनुशासन, और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करना चाहते हैं।

Natural 6 Face Rudraksha 6 MUKHI RUDRAKSH (6 मुखी रुद्राक्ष)

Shape:- Round Shape

Size:- 19.00 MM (Apx.) 

Weight:- 3.00 Gms (Apx.)

Origin:- Nepali

Metal Material:- Pure Silver

Beeja Mantra: “Om Hrim Hum Namah”

NOTE:

Six face rudraksha will comes with its Lab Certified Report of Authenticity.

छः मुखी रुद्राक्ष के लाभ (6 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi)

  • आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि: 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है, जिससे वह अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए साहसिक कदम उठा पाता है।

  • बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि: यह रुद्राक्ष बुद्धि और विवेक को बढ़ाने में सहायक होता है। विद्यार्थियों और ज्ञान की तलाश करने वाले व्यक्तियों के लिए यह बेहद लाभकारी माना जाता है।

  • भावनात्मक संतुलन: 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक और भावनात्मक संतुलन बना रहता है। यह व्यक्ति को गुस्से और तनाव से बचाने में मदद करता है।

  • स्वास्थ्य लाभ: इसे धारण करने से तंत्रिका तंत्र, मांसपेशियों और प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और डायबिटीज में भी मददगार माना जाता है।

  • धन और समृद्धि: 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने से धन, समृद्धि और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को आर्थिक रूप से सफलता प्राप्त होती है।

  • कुंडलिनी जागरण: यह रुद्राक्ष कुंडलिनी शक्ति को जाग्रत करने में भी सहायक होता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।

  • शुक्र ग्रह के दोषों को शांत करना: यह रुद्राक्ष शुक्र ग्रह के प्रभाव को संतुलित करने और उसके दोषों को शांत करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में प्रेम, सौंदर्य और सुख-शांति बढ़ती है।

6 मुखी रुद्राक्ष की प्रयोग विधि

1. रुद्राक्ष की शुद्धि और पूजन:

  • 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे शुद्ध करना जरूरी है।
  • सोमवार या शुक्रवार का दिन धारण करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है, खासकर सुबह के समय।
  • रुद्राक्ष को साफ पानी या गंगाजल में कुछ घंटों तक डुबोकर रखें ताकि उसकी शुद्धि हो सके।
  • इसके बाद हल्दी, चंदन, और गंगाजल से रुद्राक्ष का अभिषेक करें।

2. मंत्र का जाप:

  • पूजन करते समय और धारण करते वक्त नीचे दिए गए मंत्र का जाप 108 बार करें:
    • "ॐ ह्रीं हुम नमः"
    • यह भगवान कार्तिकेय का मंत्र है, जो 6 मुखी रुद्राक्ष के साथ जुड़ा हुआ है। इससे रुद्राक्ष के प्रभाव में वृद्धि होती है।

3. धारण करने का तरीका:

  • 6 मुखी रुद्राक्ष को चांदी, सोना, तांबा या धागे (रुद्राक्ष माला) में पिरोकर धारण कर सकते हैं।
  • इसे गले में माला के रूप में या दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।
  • ध्यान रहे कि धारण करते समय आप स्वच्छ और पवित्र अवस्था में हों।

4. रुद्राक्ष को पहनने के बाद:

  • नियमित रूप से रुद्राक्ष को साफ रखें और पूजा करते रहें।
  • रुद्राक्ष को धारण करने के बाद मांस, मदिरा और अन्य तामसिक पदार्थों से बचें, क्योंकि ये रुद्राक्ष की ऊर्जा को प्रभावित कर सकते हैं।
  • इसे हमेशा धारण किए रखें और विशेष रूप से ध्यान और पूजा के समय इसका लाभ उठाएं।

5. सावधानियां:

  • सोते समय या स्नान करते समय रुद्राक्ष को उतार सकते हैं, ताकि वह टूटे नहीं।
  • इसे अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ साझा न करें, क्योंकि यह व्यक्तिगत रूप से प्रभावी होता है।

6 मुखी रुद्राक्ष हमसे क्‍यों लें

Rudracharms द्वारा भेजा गया पांच मुखी रुद्राक्ष प्रमाणित है और अनुभवी आचार्य एवं पंडित जी द्वारा अभिमंत्रित करने के बाद ही इसे आपके पास भेजा जाएगा ताकि आपको इसका तुरंत और संपूर्ण लाभ मिल सके।

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